0

एक व्यक्ति एक गुरु के पास पहुंचा और बोला, " गुरु जी मुझे ईश्वर का साक्षात्कार करा दीजिये। गुरु जी ने कहा कि  तुममे कितनी लगन है। उसने कहा यदि लगन न होती तो मैं यहाँ क्यों आता। गुरु जी ने कहा कि इस प्रक्रिया में दस वर्ष लगेंगे। 
 
इस पर वह व्यक्ति बोला गुरूजी अध्यात्म का मेरे पास अच्छा ज्ञान है। मैंने काफ़ी पुस्तकें पढ़ रखी हैं और मुझे ज्ञान प्राप्त करने का शौक भी है। तब तो मुझे कम समय लगना चाहिए ईश्वर साक्षात्कार में। इस पर गुरु जी बोले, तब तो तुम्हें 15 वर्ष लगेंगे। " यह सुनकर वह व्यक्ति आश्चर्य से भर उठा और बोला यह कैसे संभव है? मैंने तो कई अध्यात्मिक गुरुओं के
दर्शन भी किये हुए हैं और अनेक अध्यात्मिक कार्यशालाओं में भाग भी ले चुका हूँ। मैं पहले से ही इस विषय को काफ़ी कुछ जानता हूँ। इस पर गुरु जी बोले तब तो ईश्वर 
साक्षात्कार में तुम्हें 20 वर्ष लगेंगे। इस पर वह व्यक्ति और अधिक चौंका और उसके सब्र का बाँध टूट सा गया 
और बोला जब भी मैं आपको बताता हूँ कि मुझे अध्यात्मिक ज्ञान है आप ईश्वर साक्षात्कार का समय और 
अधिक बढ़ा देते हैं, इसका क्या कारण है ?
इस पर वह गुरु जी बोले-- ईश्वर साक्षात्कार के लिए आवश्यक नहीं कि हम क्या जानते हैं। बल्कि यह 
आवश्यक है कि हम जो जानते हैं उससे और ऊपर उठकर स्वयं को भुला दें। जब हम अपने अहंकार को 
भूल जाते हैं तभी ईश्वर का साक्षात्कार हो सकता है। हमें जितना अधिक ज्ञान होगा, उतना ही अधिक समय 
लगेगा उसे खाली करने में अतः उतना ही अधिक समय लगेगा ईश्वर प्राप्ति में।

आपको पोस्ट पसंद आई हो तो Youtube पर क्लिक करके Subscribe करना ना भूलें

आपको पोस्ट कैसी लगी कोमेन्ट और शॅर करें

Post a Comment

 
Top