
जब जूलियो 10 साल का था तो उसका बस एक ही
सपना था , अपने फेवरेट क्लब रियल मेड्रिड की ओर से फुटबाल खेलना ! वह दिन
भर खेलता, प्रैक्टिस करता और धीरे-धीरे वह एक बहुत अच्छा गोलकीपर बन
गया. 20 का होते-होते उसके बचपन का सपना हकीकत बनने के करीब पहुँच गया; उसे
रियल मेड्रिड की तरफ से फुटबाल खेलने के लिए साइन कर लिया गया. खेल के
धुरंधर जूलियो से बहुत प्रभावित थे और ये मान कर चल रहे थे कि बहुत जल्द वह
स्पेन का नंबर 1 गोलकीपर बन जायेगा.
1963 की एक शाम , जूलियो और उसके दोस्त कार से कहीं घूमने निकले. पर
दुर्भाग्यवश उस कार का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया , और रियल मेड्रिड और
स्पेन का नंबर 1 गोलकीपर बनने वाला जूलियो हॉस्पिटल में पड़ा हुआ था , उसके
कमर के नीचे का हिस्सा पैरलाइज हो चुका था. डॉक्टर्स इस बात को लेकर भी
आस्वस्थ नहीं थे कि जूलियो फिर कभी चल पायेगा, फ़ुटबाल खेलना तो दूर की बात
थी.
वापस ठीक होना बहुत लम्बा और दर्दनाक
अनुभव था. जूलियो बिलकुल निराश हो चुका था , वह बार-बार उस घटना को याद
करता और क्रोध और मायूसी से भर जाता. अपना दर्द कम करने के लिए वह रात में
गाने और कविताएँ लिखने लगा. धीरे-धीरे उसने गिटार पर भी अपना हाथ आजमाना
शुरू किया और उसे बजाते हुए अपने लिखे गाने भी गाने लगा.
18 महीने तक बिस्तर पर रहने के बाद , जूलियो अपनी ज़िन्दगी को फिर से
सामान्य बनाने लगा. एक्सीडेंट के पांच साल बाद उसने एक सिंगिंग कम्पटीशन
में भाग लिया और ” लाइफ गोज ओन द सेम ” गाना गा कर फर्स्ट प्राइज जीता.
वह फिर कभी फ़ुटबाल नहीं खेल पाया पर अपने हाथों में गिटार और होंठों पे गाने लिए जूलियो इग्लेसियस संगीत की दुनिया में Top Ten सिंगर्स में शुमार हुआ ,और अब तक उनके 30 करोड़ से अधिक एल्बम बिक चुके हैं.

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