
Who: मलाला यूसुफजई
Where: लंदन
What: आत्मकथा का विमोचन
When: 8 अक्टूबर 2013
मलाला यूसुफजई की आत्मकथा आई एम मलाला: द गर्ल हू स्टुड अप फॉर एजुकेशन एंड वाज शॉट बाय तालिबान का लंदन में 8 अक्टूबर 2013 को विमोचन किया गया. 16 वर्षीय मलाला यूसुफजई ने अपनी आत्मकथा में अपने अनुभव का उल्लेख किया है.
पुस्तक के अनुसार मलाला यूसुफजई को जब अस्पताल में होश आया, तो उनके दिमाग में जो बात सबसे पहले आई, वह थी “खुदा का शुक्र है, मैं मरी नहीं.’ इस किताब के अंश द संडे टाइम्स अखबार में प्रकाशित हुए.
मलाला यूसुफजई
मलाला युसुफ़ज़ई का जन्म 1998 में पाकिस्तान के खैबर पख़्तूनख़्वाह प्रान्त के स्वात जिले में हुआ. तालिबान के फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षित करने का अभियान चलाने के कारण अक्टूबर 2012 में स्वात घाटी के कस्बे मिंगोरा में स्कूल से लौटते वक्त मलाला यूसुफजई पर आतंकियों ने हमला किया. इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली.
अंतरराष्ट्रीय बच्चों की वकालत करने वाले समूह किड्स राइट्स फाउंडेशन ने युसुफजई को अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए प्रत्याशियों में शामिल किया , वह पहली पाकिस्तानी लड़की थी जिसे इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. मलाला को वर्ष 2013 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार हेतु नामांकित किया गया है.

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