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एक लड़की थी. विल्मा रुडोल्फ नाम की . समय से पहले उसका जन्म हुआ था. 1940 की बात है. जन्म के समय उसका वजन 2 किलो था . गरीब काले परिवार में वह जन्मी थी.
बचपन में ही उसे पोलियो हुआ. उसकी माँ को एक डॉक्टर ने बताया इसका कोई इलाज नहीं है .इतना सुनकर उसकी माँ चुप नहीं बैठी .

 

विल्मा पुरानी याद बताते हुए कहती है, ‘डॉक्टर ने कहा मै कभी चल नहीं सकूंगी.मेरी माँ ने कहा मै जरुर चलूंगी .मैंने मेरी माँ की बात पर भरोसा किया ‘.
विल्मा की माँ को पता लगा की उसके गॉव से 80 किलोमीटर दूर एक अस्पताल है जहाँ उसका इलाज किया जा सकता है .
विल्मा की माँ पुरे दो साल तक हफ्ते में दो बार बेटी को लेकर उस अस्पताल में गई.दो साल के इलाज के बाद विल्मा बैसाखियों की सहायता से चलने लगी.
आखिर बारह वर्ष की उम्र में वैसाखियो के बिना वह सामान्य रूप से चलने लगी.
सोलह साल की आयु में 1956 के ओलंपिक्स में उसने दौड़ प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता.1960 की अलग -अलग दौड़ प्रतियोगिताओ में तीन स्वर्णपदक जीतकर तीन स्वर्णपदक जीतने वाली वह अमेरिका की पहली महिला धावक बनी .
 बाइबिल में है :- राई के दाने जितना भी विश्वास यदि आप में हो और उस विश्वास के आधार पर आप पर्वत से कहें  ‘चलो यहाँ से, उस उधर की जगह पर जाओ ‘ तो पर्वत वहां चला जायेगा, और कोई भी चीज आपके लिए असंभव नहीं रह जाएगी.
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