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कभी साड़ियां बेचता था ये स्टार सिंगर, बिजनेस डूबा तो सुसाइड की भी सोची

 

7 जुलाई 1973 को जन्मे कैलाश खेर ने बचपन में कभी भी बॉलीवुड का गाना नहीं सुना था और ना ही कभी इन गीतों को गाने की प्रैक्टिस की, वो अपने पिता के गाए हुए कबीर और बाबा गुरुसाहेब की वाणी सुना करते थे। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में ट्रेडिशनल फोक गाया करते थे। कैलाश ने बचपन में पिता से ही संगीत की शिक्षा ली।संगीत के लिए छोड़ा घर...

- जब कैलाश खेर 13 साल के थे, तब म्यूजिक सीखने के लिए घर छोड़ दिया और दिल्ली आ गए।

- इस बड़े फैसले के बाद इन्होंने म्यूजिक क्लास तो जॉइन की, लेकिन आजीविका चलाने की जद्दोजहद में ठीक से म्यूजिक की ओर ध्यान नहीं दे पाए। फिर उन्होंने छोटा-मोटा काम करना शुरू कर दिया। कैलाश विदेशी स्टूडेंट्स को म्यूजिक की ट्यूशन भी दिया करते थे।

 बना लिया था सुसाइड का मन!

- 1999 तक कैलाश खेर दिल्ली में अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ साड़ी एक्सपोर्ट के कारोबार से जुड़े रहे, लेकिन इसी साल उन्हें बिजनेस में बड़ा नुकसान हुआ।

- यह नुकसान इतना बड़ा था कि इसमें कैलाश अपनी जमा पूंजी तक गंवा बैठे। कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने सुसाइड करने का मन बना लिया था।

 इस तरह निकले डिप्रेशन से 

- बिजनेस डूबने के बाद कैलाश खेर अपने आप को डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए ऋषिकेश चले गए और कुछ दिनों तक वहीं रहे। वहां वे साधू-संतों के लिए गाना गाया करते थे। उनके गाने को सुनकर बड़े से बड़े संत झूम उठते थे। इससे कैलाश का कॉन्फिडेंस वापस आया और उन्होंने एक बार फिर म्यूजिक को अपना कॅरिअर बनाने का फैसला किया।

- 29 साल की उम्र में वे मुंबई पहुंच गए। कैलाश ने 2009 में मुंबई की लड़की शीतल से शादी की। उनका एक 5 साल का बेटा है, जिसका नाम कबीर है।

पहले एड के मिले 5 हजार

- शुरुआती समय कैलाश खेर को एक चॉल में जीवन बिताना पड़ा। बरसात हो या गर्मी वे अपनी घिसी-पिटी चप्पलों से डेढ़ साल तक स्टूडियोज के चक्कर लगाते रहे।

- एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5 हजार रुपए मिले। तब यह राशि भी कैलाश के लिए बहुत ज्यादा थी और इससे उनका कुछ दिन का काम चल गया, लेकिन इसके बाद सफलता की गाड़ी चल पड़ी आैर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बड़े मंचों पर यादगार प्रस्तुतियां

- बॉलीवुड म्यूजिक के अलावा कैलाश सोशल कामों में भी एक्टिव रहे। 2012 में उन्होंने अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में भी हिस्सा लिया और इस दौरान मंच पर कई बार गाना गाते हुए भी देखे गए।

- इसके अलावा कैलाश दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के क्लोजिंग सेरेमनी में भी गाना गा चुके हैं। कई बॉलीवुड और म्यूजिक एल्बम्स में उन्होंने यादगार गीत गाकर सभी को अपना मुरीद बनाया है।

कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया। यहां कैलाश खेर ने प्रफोर्म किया।

 

कैलाश विदेशी स्टूडेंट्स को म्यूजिक की ट्यूशन भी दिया करते थे।

 

1999 तक कैलाश खेर दिल्ली में अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ साड़ी एक्सपोर्ट के कारोबार से जुड़े रहे।

 

साधू-संतों के लिए गाना गाया करते थे। 




29 साल की उम्र में वे मुंबई पहुंच गए।



एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5 हजार रुपए मिले।

 

बॉलीवुड म्यूजिक के अलावा कैलाश सोशल कामों में भी एक्टिव रहे।

 

कैलाश दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के क्लोजिंग सेरेमनी में भी गाना गा चुके हैं।

 

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