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Wait, your waiting will not be in vain...
Time guilds, with gold, the iron links of pain...
The dark today leads into a light tomorrow...
There is no endless joy, no endless sorrow...
 



इन पंक्तियों का अर्थ है...

सब्र (शाब्दिक अर्थ है प्रतीक्षा) करो, सब्र करना व्यर्थ न जाएगा...
लोहे की ज़ंजीरों जैसी प्रतीत होती पीड़ा पर समय सोने का मुलम्मा बनकर चढ़ जाएगा, और दुःख हर लेगा...
हर अंधकारमय रात के बाद प्रकाशयुक्त सवेरा ज़रूर आता है...
इसी प्रकार, न कोई खुशी स्थायी होती है... और न ही कोई दुःख...

इन पंक्तियों का जो आशय  है - धीरज धरो, क्योंकि किसी भी विपत्ति के समय वही बेहतरीन हथियार होता है... धीरज धारण करने से ही आप किसी भी परेशानी को दूर करने के लिए उपाय करने में सक्षम बने रहते हैं, वरना आप विपत्ति से परेशान हो गए, तो स्थिति को सुधारने के लिए कुछ करने योग्य भी नहीं रहते... समय वैसे भी हर दुःख को भुला देता है, वरना हर मरने वाले के बाद उसका परिवार कभी ठीक रह ही नहीं सकता...

हमेशा सोचो, हर दुःख बड़ा दुःख है, लेकिन उससे बड़े दुःख भी हैं, जो तुम्हे नहीं मिले... इसी सन्दर्भ में अपने पसंदीदा लेखक के एक उपन्यास में पढ़ी एक पंक्ति याद आ रही है - युद्ध में किसी की टांग कट जाए, बहुत बड़ा दुःख है, लेकिन उसके साथी से बड़ा दुःख नहीं, जिसका सिर कट गया...

सो, जो हो चुका है, उसका अफ़सोस करना छोड़ दो, क्योंकि वह बीत चुका है, जिसे तुम बदल नहीं सकते, लेकिन तुम्हारे अफ़सोस करते हुए एक जगह पड़े रहने से आगे जो बिगड़ सकता है, उसे रोक लो, क्योंकि वह तुम्हारे हाथ में है... उठो, और परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाने के लिए प्रयासरत हो जाओ, क्योंकि परिस्थिति के अनुकूल पशु होता है, मनुष्य नहीं...

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