
एक व्यक्ति अपने द्वारा किए गए कार्य से पूरी तरह संतुष्ट न हो पाता था। वह अपने मन में ऐसा अनुभव करता रहता था। वह हमेशा विचार करता था कि, उसके कुछ कामों में गलतियां रह जाती हैं। एक दिन वह व्यक्ति सर बेंजामिन फ्रेंकलिन के पास पहुंचा।
उसने अपनी परेशानी उन्हें सुनाई। उस व्यक्ति की बात सुनकर फ्रेंकलिन को हंसी आ गई। वह बोले, 'दुनिया में सबसे बड़ी गलती है 'निठल्ला बैठना'। जो इस सबसे बड़ी गलती को करता है, उससे गलतियां कैसे होगीं और जब तक गलती नहीं होगी तो वह नया कैसे सीख या कर पाएगा।'
सर फ्रेंकलिन की यह बात सुनकर उस व्यक्ति में स्वयं के प्रति सम्मान बढ़ गया।
संक्षेप में
नया सीखने के लिए कुछ काम करना होता है। अगर आप कुछ काम करेंगे तो गलतियां होगीं। गलतियां होगीं तो सीख मिलेगी। इसलिए निठल्ला रहना दुनिया की सबसे बड़ी गलती है।

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