
SBI में पांच सहयोगी बैंकों के विलय के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिलने से अब रास्ता साफ़ हो गया है। हालाँकि सरकार ने भारतीय महिला बैंक के विलय के बारे में अभी कोई विचार नहीं किया है। इस पांच बैंकों के विलय से SBI वैश्विक स्तर का एक बड़ा बैंक बन जायेगा। SBI को वैश्विक स्तर का एक बैंक बनाने के लिए सरकार ने बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने पहले विलय प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसे विभिन्न बैंकों के बोर्ड के सामने पेश किया गया। जहाँ से मंजूरी हासिल हो गई। बोर्ड की सिफारिशों पर आज विचार किया गया और कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दे दी।
SBI में स्टेट बैंक ऑफ बीकाने एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रवानकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) का विलय किया जाएगा।
इस विलय के साथ SBI न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर एक बहुत बड़ा बैंक बन जाएगा।
इन बैंकों के विलय से क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाएगी और कॉस्ट ऑफ ऑपरेशन भी कम हो जाएगी।
इन पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद SBI की कुल संपत्ति 37 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।
इसके पास 22,500 बैंक शाखाओं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क होगा।
इन बैंकों के विलय से क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाएगी और कॉस्ट ऑफ ऑपरेशन भी कम हो जाएगी।
इन पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद SBI की कुल संपत्ति 37 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।
इसके पास 22,500 बैंक शाखाओं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क होगा।
इसके ग्राहकों की संख्या भी बढ़कर 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
एसबीआई के वर्तमान में 16,500 बैंक शाखाएं हैं, जिसमें से 191 शाखाएं 36 देशों में हैं।
एसबीआई ने सबसे पहले 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का विलय अपने साथ किया था।
इसके दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय SBI में कर लिया गया।
एसबीआई ने सबसे पहले 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का विलय अपने साथ किया था।
इसके दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय SBI में कर लिया गया।
विलय के बाद स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर के शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बदले SBI के 28 शेयर दिए जाएंगे।
इसी प्रकार स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रवानकोर के शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बादले SBI के 22 शेयर दिए जाएंगे।
SBI ने स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के विलय के लिए अलग योजना बनाई है।
इनके लिए कोई भी शेयर स्वैप या नकदी राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह SBI के पूर्ण स्वामित्व में हैं।
इनके लिए कोई भी शेयर स्वैप या नकदी राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह SBI के पूर्ण स्वामित्व में हैं।


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